पुराने पड़ोस में रमजान की अनूठी खुशी और भावना
फ़राह रमजान में रमजान का दिन पुराने इलाके में होता था, जिसमें सड़कों को चमकती फव्वारे और रंगीन आभूषणों से सजाया जाता था। सूर्यास्त के साथ, परिवार इफ्तार के समय इकट्ठा होते हैं, और आवाज से वातावरण भरा होता है। पड़ोस के कोनों में बच्चे खुशी से दौड़ते, अपने फव्वारे उठाकर रमज़ानी गीत गाते थे, जबकि पड़ोसियों ने प्रेम और बातचीत में मसाला और मिठाई का आदान-प्रदान किया था। हर रात, मस्जिद में बड़े और छोटे सभी लोग नमाज़ अदा करते थे। क़ुरआन की आवाज़ें अज़क़ा में गूंजती थीं, जिससे नफ़्स पर ख़ासी शांति होती थी। और नमाज़ के बाद, मित्र और रिश्तेदार लोक मक़ाहियों में इकट्ठा होते हैं, जहां वे चाय पीते हैं और कहानियों और यादों का आदान-प्रदान करते हैं, जैसे रमज़ान रिश्तों को गर्म करता है और दिल को करीब करता है। दशमी के करीब, हर कोई रात को देखता था, और मस्जिद प्रार्थना से भर जाती थी। और ईद के सवेरे, हर घर में खुशी होती है, और बच्चे अपने नए कपड़े पहनते हैं, जबकि सभी एक दूसरे को बधाई देने के लिए बाहर आते हैं। रमजान सिर्फ एक रोज़ा रखने का महीना नहीं था बल्कि यह ख़ैर, मोहब्बत और अल्लाह के करीब होने का मौसम था।

Gabriel